शिवपुरी। शिवपुरी के मेडिकल काॅलेज के अस्तपाल में भर्ती मरीजो को पीने का पानी नही मिल रहा,इस सूचना पर एक दानदाता ने पानी की बोतले दान में दी थी,इस खबर को शिवपुरी समाचार ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था कि 200 करोड पर भारी यह तस्वीर,इस खबर के प्रकाशन के बाद इस मामले को मानव अधिकारी आयोग ने संज्ञान में लेते हुए,नोटिस भेजा हैं।
मप्र मानव अधिकार आयोग ने मेडिकल कालेज शिवपुरी के अस्पताल अधीक्षक से 7 मई 2021 तक प्रतिवेदन मांगा है। जिसमें आयोग ने अधीक्षक से यह भी पूछा है कि सभी प्रकार के रोगियों के लिए पीने के पाने की कोई व्यवस्था उपलब्ध है या नहीं? यदि है, तो अपने प्रतिवेदन में उसका विस्तृत विवरण दें।
कोरोना के गंभीर मरीजों के लिए दो सप्ताह पहले मेडिकल कॉलेज शिवपुरी का नया अस्पताल आनन फानन में चालू कराया गया। लेकिन यहां भर्ती मरीजों को 27 अप्रैल को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा था। जिसे लेकर मरीज व उनके परिजनों ने हंगामा खड़ा कर दिया था। स्थानीय जनप्रतिनिधि ने पुलिस थाना प्रभारी की मदद से पानी की बोतलें मरीजों के लिए गाड़ी से मेडिकल कॉलेज भिजवाईं। इसके बाद मरीजों को पीने का पानी उपलब्ध हो सका था।
करोड़ों की लागत से कॉलेज और अस्पताल बिल्डिंग बनी है। लेकिन मरीजों को के लिए पानी की व्यवस्था नहीं होना अपने आप में बड़ी लापरवाही है। इसलिए मप्र मानव अधिकार आयोग ने इसे संज्ञान ले लिया है।