शिवपुरी। इस कोरोना काल में सबसे बडी जिम्मेदारी स्वास्थय विभाग की हैं,लेकिन शिवपुरी के सरकारी अस्पताल में कोरोना के नाम पर कुछ भी करो-ना का फार्मूला ईजाद कर लिया हैं। कुछ ऐसा ही मामला प्रकाश में आया हैं कि एक गंभीर अनकॉनसेंस मरीज की छुटटी करने का प्रयास किया। जब परिजन ने विरोध किया। जब जाकर मरीज को अस्पताल में रोका गया।
जानकारी के अनुसार कृष्णगोपाल सक्सैना उम्र 50 वर्ष निवासी कोर्ट के सामने वार्ड क्रंमाक 03 पुरानी टंकी के पास करैरा एक प्राईवेट कर्मचारी हैं। बताया जा रहा हैं कि कृष्णगोपाल को माईनर अटैक आया था। तत्काल करैरा के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया। हालत गंभीर होने के कारण मरीज को शिवपुरी के अस्पताल में रैफर कर दिया गया।
भतीजे गौरव सक्सैना ने बताया कि 2 मई को करैरा से इम अपने चाचा को ईलाज कराने शिवुपरी के जिला चिकित्सालय लाए थे। बडी ही मुश्किल में अस्पताल प्रबंधन ने उन्है भर्ती किया। मेरे चाचाजी ब्लड प्रेशर और शुगर के पूर्व से मरीज हैं। अस्तपाल प्रबंधन ने उनकी सीटी स्कैन कराया। सीटी स्कैन की जांच में आया कि उनके सिर की नसो में खून की धक्के जमे हैं। पूर्ण होश में नही है अनकॉनसेंस हैं हाथ से पानी का गिलास भी नही पकड पा रहे हैं।
कल देर शाम ड्यूटी पर तैनात नर्सो ने कहा कि अब इनकी तबीयत सही हैं आप इन्है घर ले जा सकते हो,लेकिन हमारा मरीज अभी गंभीर बीमार हैं। डॉक्टर मरीजो के ईलाज करने में गंभीर लापरवाही बरत रहे हैं। ड्यूटी पर तैनात नर्स से कहा कि डॉक्टरो ने इनको डिस्चार्ज कर दिया हैं अब आप इनको घर ले जा सकते होे।
ड्यूटी पर तैनात नर्सो से निवेदन किया गया। उन्होने कहा कि डॉक्टरो ने डिस्जार्च कर दिया है अब कुछ नही हो सकता हैं। अब चाहे तुम कलेक्टर को बुलालो तो भी कुछ नही हो सकता है। विवाद करने पर अभी मरीज को अस्पताल में रोक लिया हैं लेकिन को ईमरजैंसी वार्ड से सर्जिकल वार्ड में रैफर कर दिया हैं।