बाजार खुलते ही टूट पडे लोग, ऐसा नजारा कि कोरोना शायद कोरोना शिवपुरी में आएगा ही नहीं / Shivpuri News

Bhopal Samachar
शिवपुरी। लॉकडाउन 1 और 2 के दौरान जिस तरह से प्रशासन और पुलिस की सख्ती देखने को मिली थी और जिसके परिणाम स्वरूप शिवपुरी में कोरोना से हालात बेकाबू नहीं हो पाए थे लेकिन आज लॉकडाउन के बाद जो बाजार खोले गए है उसके बाद बाजार में पब्लिक ऐसे टूट पडी कि जैसे शिवपुरी में कोरोना का कोई भी भय हो। अगर एक भी संक्रमित इनके बीच में रहा तो हालातों का अंदेशा भी नहीं लगा सकते।

लॉकडाउन 3 में बाजार खोल देने के निर्णय से लगता है, मानों सारी सावधानियां हट गई है। हालांकि 50 प्रतिशत बाजार ही अभी खुला है। सुबह 9 से 2 बजे तक जिन दुकानदारों का समय है उन्हें एक दिन और दोपहर 2 बजे से 7 बजे तक बाजार खोलने वाले को अगले दिन दुकान खोलने की हिदायत दी गई है।

लेकिन इसके बावजूद भी हालात बेकाबू नजर आ रहे हैं। प्रशासन के आदेश में साफ कहा गया है कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जाए और दुकान में 5 से अधिक ग्राहक न हों।  लेकिन न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन हो रहा है और न ही दुकानों में सीमित संख्या में ग्राहक दिख रहे हैं।

सोहनसिंह पार्क के सामने, कोर्ट रोड़ और सदर बाजार में तो स्थिति ऐसी है कि एक-एक दुकान में 50-50 से अधिक लोग नजर आ रहे हैं। दुकानों में स्टाफ ही 5 से अधिक दिख रहा है। इससे हालात चिंताजनक नजर आ रहे हैं। उधर हॉट स्पॉट से आने वालों का सिलसिला जारी है और सूत्रों के अनुसार 3 से 4 हजार लोग बाहर से शिवपुरी में आ चुके हैं। जिनमें से कुछ की स्क्रीनिंग हुई है और कुछ बिना स्क्रीनिंग कराएं बेधडक़ अंदाज में घूम रहे हैं।

आज सुबह 8 बजे से ही शहर में हालात बहुत खराब नजर आ रहे थे। हालांकि दुकान खुलने का समय 9 बजे निर्धारित किया गया था। लेकिन 8 बजे से ही लोगों ने अपनी दुकानें खोल ली थीं। सुबह 10 बजे तो पूरे बाजार में भीड़ का नजारा नजर आ रहा था और ऐसा लग रहा था कि एक-दो दिन में है कोई तीज त्यौहार है और जिसकी खरीददारी करने के लिए बेशुमार भीड़ उमड़ रही है। गलियों में भीड़ के कारण पैदल चलना मुश्किल हो रहा है ।

हालात देखकर आशंकाएं उत्पन्न हो रही हैं। कहावत है कि सावधानी हटी और दुर्घटना घटी। उसी तरह से कोरोना से बचाव के लिए सावधानी में ढील से दुर्घटना की आशंका नजर आ रही है। प्रशासन को चाहिए कि पूरी स्थिति की एक बार फिर से समीक्षा करे और उसके बाद वह बाजार खोलने के संबंध में कोई निर्णय पारित करे। बाजार में ही नहीं बल्कि बैंकों में भी सोशल डिस्टेंसिंग को दरकिनार कर लंबी-लंबी कतारें नजर आ रही हैं और लोगों का बेफिक्र अंदाज बैचेन करने वाला है।