शिवपुरी। राजस्थान के ऐजूकेशन हब के रूप में पहचानी वाला शहर कोटो में कई प्रदशो के बच्चे इस लॉकडाउन में फस गए है। सबसे पहले उत्तर प्रदेश ने अपने बच्चो को लाने की मुहिम शुरू की। इसके बाद मप्र में भी मप्र के बच्चो को लाने के लिए मांग उठने लगी थी।
मप्र सरकार ने छात्रों को लाने का फैसला लिया और मंगलवार को ग्वालियर से 140 बसें कोटा के लिए दिन में रवाना कर दी गईं। मप्र के 11 जिलों के करीब 1 हजार 400 बच्चों को कोटा-झांसी फोरलेन हाईवे से होकर शिवपुरी जिले में लाया जाएगा। शिवपुरी जिले की सीमा में प्रवेश करते ही सारे छात्रों की स्क्रीनिंग कराई जाएगी।
तेंदुआ थाना प्रभारी अरविंद सिंह चौहान ने बताया कि आरटीओ चेक पोस्ट पर टेंट आदि लगवाकर कुर्सियां बिछवाई गई हैं। छात्रों के लिए हॉल में आराम करने की व्यवस्था है। सभी को भोजन, नाश्ता, पानी कराकर संबंधित बसों से उनके जिलों के लिए रवाना किया जाएगा।
वही कोटा से खबर आ रही हैं कि अभी बसो को सेनिटाईज किया जा रहा हैं। एक सीट पर एक ही बच्चा बैठकर आऐगा। एक बस में लगभग 20 बच्चो को लाने की व्यवस्था की गई हैं। बसो के कोटा पहुचते ही आज सुबह से सेनिटाईज करने का काम राजस्थान सरकार ने शुरू करा दिया है।
शिवपुरी जिल के शिवपुरी जिले के 57 छात्र, जिसमें शहर के 32,बैराड़ 07,बदरवास 06,पोहरी 06,करैरा 05,पिछोर 01 का एक बच्चा हैंं। बसो के स्टाफ भी पीपीई किट पहनकर तैयार हैंं। कुछ ही समय बाद कोटा से मप्र से भेजा गया बसो का काफिला चल सकता है।