शिवुपरी के एडवोकेट की पैरवी: सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि स्मस्त मेडिकल स्टाफ को PPE KIT उपलब्ध कराई जाए

Bhopal Samachar
शिवुपरी। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को कोरोना संकट से निबटने के लिए केंद्र सरकार को महत्वपूर्ण दिशा निर्देश जारी किए हैं। इसके पहले जस्टिस अशोक भूषण और रविन्द्र भट्ट की खंडपीठ के समक्ष याचिका में केंद्र सरकार को कोविड 19 महामारी के शमन के संबंध में कुछ अतिरिक्त दिशा-निर्देश जारी करने की मांग की गई थी।

यह याचिका दिल्ली के दो डॉक्टरों ने दायर की थी। जिस पर शिवपुरी के एडवोकेट निपुण सक्सेना ने ऑनलाइन दलीलें रखी थीं। कोर्ट ने पर्याप्त मात्रा में पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट के न होने की स्थिति में, कई डॉक्टरों के कोविड द्वारा संक्रमित होने पर सर्वोच्च न्यायालय ने संज्ञान लिया है।

 देश भर में कई डॉक्टरों को ओपीडी या इमरजेंसी में पीपीई न होने की सूरत में अखबार, प्लास्टिक, हेलमेट, बरसाती का प्रयोग करना पड़ा। सर्वोच्च न्यायालय ने इसे गंभीरता से लिया है।यह जनहित याचिका दिल्ली के दो डॉक्टरों द्वारा लगाई गई थी, जिसकी पैरवी शिवपुरी के निवासी तथा सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता निपुण सक्सेना ने अपने प्रियदर्शिनी कॉलोनी स्थित निवास स्थान से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से की थी।

ऐसी तीन याचिकाओं पर सर्वोच्च न्यायालय ने एक सम्मिलित आदेश जारी किया है, जिसके अनुरूप केंद्र, राज्य व जिला सरकार को कई आदेश दिए हैं। इनमें प्रमुख तौर पर समस्त डॉक्टरों, नर्सों व अन्य मैडिकल स्टाफ को पीपीई तुरंत उपलब्ध कराए जाएंगे, ताकि उनमें संक्रमण न फैले।

अन्य मरीजों की भी रक्षा की जा सके। किसी भी डॉक्टर, नर्स अथवा किसी भी अन्य अधिकारी को अपने कार्य के निर्वाहन में किसी भी प्रकार का अवरोध या हस्तक्षेप होने की स्थिति में न्यायिक संज्ञान लिया जाएगा। डॉक्टर, मेडिकल स्टाफ, नर्स तथा सैंपल कलेक्शन एजेंट्स की सुरक्षा की व्यवस्था पुलिस की होगी।

जिला प्रशासन उनकी रक्षा करेगा। केंद्र सरकार द्वारा पीपीई के संरक्षित मात्रा का संधारण किया जाएगा, जिससे कि न सिर्फ महानगर, बल्कि समस्त टियर 2 व टियर 3 शहरों में भी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराए जा सकेंगे। पीपीई के निर्यात पर भी नियंत्रण रखा जाए। भारत सरकार की तरफ से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने केंद्र सरकार का पक्ष रखा।