कोलारस। कोरोना से लडने के लिए देश को लॉकडाउन मोड पर जाना पडा। लोग घरो में रह कर युद्ध कर रहे हैं। कोरोना से लडने के लिए शहरो ही नही ग्रामीणो में जागरूकता देखी जा रही हैं और इसका उदाहरण हमे बदरवास के एक गांव में देखने को मिला कि उन्होने मजदूरी करने गए अपने ही परिजनो को घर में नही घुसने दिया। कहां पहले जांच कराओ।
जानकारी के अनुसार बदरवास के बारई गांव के छह युवक मुरैना जिले के अंबाह से रविवार की सुबह ट्रक में बैठकर लौटे। गांव पहुंचे तो परिजनों ने घर में घुसने नहीं दिया। कहने लगे कि पहले अपनी जांच कराकर आओ, तब घर में घुसने देंगे।
परिजनों ने करोना संक्रमण फैलने के डर से युवकों से कहा कि पहले अस्पताल जाकर अपनी जांच कराकर आओ। इसके बाद ही घर में घुसने दिया जाएगा। युवकों को बदरवास लाया गया, जहां से शिवपुरी भेज दिया।
अंबाह से अपने बारई गांव लौटे बलवीर जाटव, अमित जाटव, बंटी जाटव, दुर्गेश जाटव, निहाल सिंह जाटव, बलवीर जाटव को पहले सामुदायिक अस्पताल बदरवास लाया गया। यहां से सभी को जिला अस्पताल शिवपुरी भेज दिया। जांच होने के बाद डॉक्टर ने घर जाने के लिए कह दिया।
शाम 4 बजे तक युवक अस्पताल के बाहर वाहन के इंतजार में बैठे नजर आए। पूछने पर युवकों ने बताया कि वे आलू खोदने के लिए अंबाह गए थे। लॉक डाउन में फंसकर रह गए। ठीक से खाना नहीं मिलता था।
इसलिए किसी भी तरह घर लौटना चाहते थे। एक ट्रक वाले के हाथ-पैर जोड़े, ताे वह हमें बदरवास तक ले आया। युवकों ने बताया शिवपुरी अस्पताल से वापस गांव लौटने के लिए 108 पर कई बार फोन किया। हालांकि शाम 5 बजे एंबुलेंस मिल गई, तब घर लौटे।
जानकारी के अनुसार बदरवास के बारई गांव के छह युवक मुरैना जिले के अंबाह से रविवार की सुबह ट्रक में बैठकर लौटे। गांव पहुंचे तो परिजनों ने घर में घुसने नहीं दिया। कहने लगे कि पहले अपनी जांच कराकर आओ, तब घर में घुसने देंगे।
परिजनों ने करोना संक्रमण फैलने के डर से युवकों से कहा कि पहले अस्पताल जाकर अपनी जांच कराकर आओ। इसके बाद ही घर में घुसने दिया जाएगा। युवकों को बदरवास लाया गया, जहां से शिवपुरी भेज दिया।
अंबाह से अपने बारई गांव लौटे बलवीर जाटव, अमित जाटव, बंटी जाटव, दुर्गेश जाटव, निहाल सिंह जाटव, बलवीर जाटव को पहले सामुदायिक अस्पताल बदरवास लाया गया। यहां से सभी को जिला अस्पताल शिवपुरी भेज दिया। जांच होने के बाद डॉक्टर ने घर जाने के लिए कह दिया।
शाम 4 बजे तक युवक अस्पताल के बाहर वाहन के इंतजार में बैठे नजर आए। पूछने पर युवकों ने बताया कि वे आलू खोदने के लिए अंबाह गए थे। लॉक डाउन में फंसकर रह गए। ठीक से खाना नहीं मिलता था।
इसलिए किसी भी तरह घर लौटना चाहते थे। एक ट्रक वाले के हाथ-पैर जोड़े, ताे वह हमें बदरवास तक ले आया। युवकों ने बताया शिवपुरी अस्पताल से वापस गांव लौटने के लिए 108 पर कई बार फोन किया। हालांकि शाम 5 बजे एंबुलेंस मिल गई, तब घर लौटे।