शिवपुरी। गुरूवार की दोपहर ऐसी बस शिवपुरी यातायात प्रभारी रणवीर सिंह ने पकडी हैं जो क्षतिग्रस्त होकर काम करा रही थी। यातायात प्रभारी ने एक बस को पकडा जिसका नंबर पर चैंसिस नबंर का मिलान किया गया तो दोनो ही अलग-अलग निकले। बताया गया हैं इस मामले में बस पार्टनर ने अपने पार्टनर के खिलाफ धोखाधडी का मामला दर्ज कराया हैं।
ट्रैफिक थाना प्रभारी रणवीरसिंह यादव ने गुरुवार की सुबह 9.30 बजे पोहरी चौराहे से निजी यात्री बस को पकड़ा और नंबर प्लेट व चेसिस नंबर से मिलान किया। चेसिस नंबर के आधार पर बस गुना की निकली। जबकि नंबर प्लेट शिवपुरी की दूसरी बस का था।
मामले में बस मालिक बृजेश सिंह किरार निवासी महावीर पुरा गोशाला के पीछे जिला गुना ने सिटी कोतवाली में रिपोर्ट दर्ज कराई है। बस मालिक बृजेश का कहना है कि उसने डेढ़ साल पहले यह बस खरीदी थी। बाद में रामचरण किरार ने 5.30 लाख रुपए में पार्टनरशिप का ऑफर दिया। लेकिन डेढ़ लाख रुपए देकर टालता रहा और बस भी चलाता रहा। पुलिस ने आरोपी रामचरण किरार पुत्र रामप्रसाद किरार निवासी गुना के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।
जिस बस की नंबर प्लेट लगाई, वह हादसे में क्षतिग्रस्त: ट्रैफिक थाना प्रभारी रणवीरसिंह ने बताया कि उन्होंने पोहरी चौराहे से बस पकड़ी उस पर नंबर एमपी33 पी0399 डला था, लेकिन चेसिस नंबर से बस का रजिस्ट्रेशन नंबर एमपी09 एफए3344 पाया गया। बस गुना के बृजेश किरारे के नाम से दर्ज है।
बस में फर्जी नंबर प्लेट क्रमांक एमपी09 एफए3344 है, जिसके मालिक इमरत सिंह रघुवंशी निवासी गुना हैं। इस बस का हादसा हाे चुका है। जो मरम्मत के लिए गई हुई है।