शिवपुरी। अगर देखा जाए किसी शिक्षक के लिए शिक्षा विभाग के आयुक्त का आदेश सर्वमान्य होता हैं,विधायक की एक शिकायत किसी भी शिक्षक को मिटाने का कार्य कर सकती हैंं,जब वह नियमविरूद्ध् हो। लेकिन पोहरी बीओ के पवार के आगे शिवपुरी जिला विभाग ने आयुक्त के ओदश को भी रददी समझ लिया हैं।
जैया कि विदित हैं कि पोहरी के बीईओ मोतीलाल खंगार जो शिक्षको को गाली देने के मामले में चर्चा में आए हैं। बताया जा रहा है कि इस मामले में डीओ शिवपुरी ने जांच के आदेश दे दिए हैं,लेकिन अगर इन बीईओ साहब की पुरानी हिस्ट्री देखी जाए तो लगता हैं जांच सिर्फ नाम की हो ही होगी।
बताया जा रहा है कि पोहरी कन्याशाला के मिडिल स्कूल में पदस्थ मोतीलाल खंगार को पूरे नियमो को अपहरण कर पोहरी बीईओ का चार्ज दिया गया था। इसका मामला तात्कालिन पोहरी विधायक प्रहलाद भारती ने उठाया था,मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत शिवपुरी को पत्र दिनांक 13.3.2012 को एक शिकायती आवेदन दिया था। इस आवेदन में स्पष्ट लिखा गया था कि पोहरी बीईओ मोतीलाल खंगार कनिष्ठ और अनुभव हिन हैं,इस कारण इनको हटाकर किसी अनुभवी और वरिष्ठ प्राध्यापक को जार्च दिय जावे।इस पत्र में स्पष्ट लिया गया है कि मोतीलाल ख्ंगार कनिष्ठ हैं।
यह है नियम विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी बनाने के
लोक शिक्षण संचनालय मध्यप्रदेश के पत्र क्रंंमाक स्था/ राज/ बी /2015 /768 की माने तो इस पत्र में स्पष्ट लिखा हैं कि विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी की पात्रता के लिए ऐसे शिक्षक को प्रभार देना होगा जो वरिष्ठ प्रधाानाध्पक हो।
वही लोक शिक्षण संचानालय मध्यप्रदेश के आदेश क्रंमांक स्था/वि/ शि /सी/ 2012 /936 भोपाल दिनांक 01.09.2012 केा एक पत्र जिला शिक्षा अधिकारी जिला शिवुपरी को लिखा गया था इस पत्र का आशय यह था कि श्री मोतीलाल खंगार प्रधानाध्यपक शामावि पोहरी की वरिष्ठतता न होने के बाबजुद बीईओ के प्रभार हैतु मांग की जा रही हैं जो नियमानुसार सही नही हैं।
कुंल मिलाकर पोहरी बीईओ मोतीलाल खंगार की नियुक्ति सत्य और नियमो का अपहरण करके की गई हैं। संचनालय ने इस मामले को लेकर 2 पत्र मोतीलाल खंगार को इस पद से हटाने के लिए लिखे हैंं,लेकिन इन पत्रो के ओदश को अमल में नही लाया गया हैं।
अभी हाल में पोहरी बीईओ ने एक पत्र को लेकर पोहरी के शिक्षको से गाली ग्लोज कर अभद्रता की थी। इस मामले में शिक्षको ने जिला शिक्षा अधिकारी को शिकायत भी की थी,लेकिन जांच के नाम पर मामले को दबाने का प्रयास किया जा रहा हैंं। सीधे-सीधे शब्दो में लिखे अपने विभाग में अपना जूता पूजवाने की चाहत रखते हैं बीईओ मोतीलाल खंगार,क्यो कि जिस भाषा में शिक्षको से बात की उससे ऐसा ही प्रतीत होता हैं। और जिला शिक्षा अधिकारी में बीईओ का डर घुसा हुआ हैं अब देखते है इस मामले में क्या होता है। ं