शिवपुरी। आज इस साल का सबसे अंतिम दिन है। इसके बीतने के बाद आज रात्रि से ही 2020 प्रारंभ हो जाएगा। बीता वर्ष 2019 जिले की राजनीति के लिए खासकर पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य के लिए कभी न भुलाए जाने वाला वर्ष रहेगा 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में सिंधिया परिवार के किसी सदस्य को पहलीबार हार का मुंह सामना करना पड़ा था। आजादी के बाद जितने भी आम चुनाव हुए उनमें सिंधिया परिवार के व्यक्ति को शिवपुरी गुना लोकसभा क्षेत्र से भारी बहुमतों से विजयी श्री मिलती रही। सिंधिया परिवार के लगातार जीतने के कारण एक आम धारणा जनमानस में बन चुकी थी कि सिंधिया परिवार किसी भी पार्टी से चुनाव लड़े वह कभी हारता नहीं हैं।
इतना ही नहीं वह जिस व्यक्ति पर भी चुनाव में अपना हाथ रख देते हैं वह चुनाव जीत जाता हैं। लेकिन वर्ष 2019 ने जनमानस के मिथक को तोड़ा ही नहीं बल्कि भारी मतों से शिवपुरी गुना लोकसभा क्षेत्र से इसी क्षेत्र से चार बार सांसद चुने गए ज्योतिरादित्य सिंधिया को हार का सामना करना पड़ा। सिंधिया परिवार के लिए यह हार और भी चुभन बाली इसीलिए रहेगी, क्योंकि उन्हीं की छत्र छाया के तले राजनीति करने वाले अशोक नगर के डॉ. के.पी यादव सिंधिया जी के सामने प्रतिद्वंदी के रूप में भाजपा के बैनर तले चुनाव लड़े और 1 लाख 25 हजार से भी अधिक मतों से पराजित करने में सफल रहे।
इसी बीच खबर यह भी रोचक है कि शिवपुरी की जनता जैसी की तैसी रही। बीते लंबे समय से सिंध की आस देख रही शिवपुरी की जनता के उम्मीद थी कि शिवपुरी सांसद डॉ केपी यादव के आने के बाद इस योजना को गति मिलेगी। परंतु वह भी इस योजना में पूरी तरह से फेलुअर साबित हुए। जिले में हालात यह है कि भ्रष्टाचार सिर चढ कर बोल रहा है। सरेआम पब्लिक के साथ खिलबाड चल रहा है। यहां हालात यह है कि प्रशासन गरीबों पर कहर बरफा रहा है। कोई सुनने बाला बचा नहीं है। क्षेत्र के एक दिग्गज नेता है ज्योतिरादित्य सिंधिया। परंतु अब हारने के बाद पब्लिक उनके पास जाए तो कैसे जाए।
इसी लिए कहा जा सकता हैं कि वर्ष 2019 और शिवुपरी गुना संसदीय क्षेत्र को ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी भुला नहीं सकते। वहीं सांसद केपी यादव भी 2019 को भी कभी नहीं भुला पायेंगे क्योंकि यह साल उनकी राजनैतिक जीवन में नया सवेरा लेकर आया था। विधायक के टिकिट के लिए कांग्रेस की कतार में खड़े होने वाले डॉ. केपी यादव का भाग्य 2019 में इतना जबर्दस्त चमका की वह सीधे सांसद चुने गए और अपने ही नेता पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव में पराजित कर एक इतिहास रचने में कामयाब हुए।
समस्याओं से जूझते रहे शहर वासी
विकास के नाम पर शहर में वर्षों से जिन परियोजनाओं पर काम चल रहा वह परियोजना 2019 में भी काफी जद्दो जहद के बाद भी पूर्ण नहीं हो सकी। जबकि इन परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए क्षेत्रीय सांसद, प्रभारी मंत्री, स्थानीय विधायक व नगर पालिका अध्यक्ष ने तमाम प्रयास करते रहे इतना ही नहीं उक्त सभी जनप्रतिनिधि जनता को लगातार आश्वासन देते रहे कि वर्ष 2019 में शहर विकास के लिए संचालित सभी योजनायें पूर्ण होकर उसका लाभ जनता को मिलेगा।
शहर की जनता के लिए दो महत्वपूर्ण परियोजना पेयजल के लिए सिंध जलावर्धन योजना और सीवेज प्रोजेक्ट शहर सरदर्द बनी रही। इन परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए शहर के प्रमुख मार्गों से लेकर हर गली मोहल्ले में सड़कों की गई और आज भी खुदाई जारी हैं। सड़कों की खुदाई के कारण लोग एक ओर जहां परेशान होते रहे वहीं परियोजना पूर्ण न होने के कारण पेयजल समस्या से भी शहर वासी जूझते रहे। यह सिंध जलावर्धन योजना आज भी सिरदर्द बनी हुई और इसका लाभ भी जनता को पूरा वर्ष 2019 बीत जाने के बाद भी नहीं मिल सका।
आवास पाने के लिए भटक रहे हैं नागरिक
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीब तबके लोगों को 20 हजार रूपए जमा कर फरवरी 2019 में आवास उपलब्ध कराना थे। लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष व प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही एवं उपेक्षा पूर्ण रवैये के चलते समुचा 2019 का वर्ष गुजर जाने के बाद भी उपभोक्ताओं को प्रधान मंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीबों को मिलने वाले आवास आज तक दूर की कौड़ी बने हुए हैं। वर्ष 2019 में अपने स्वयं के मकान में पहुंचने का सपना बस सपना ही बनकर रह गया हैं।
इतना ही नहीं वह जिस व्यक्ति पर भी चुनाव में अपना हाथ रख देते हैं वह चुनाव जीत जाता हैं। लेकिन वर्ष 2019 ने जनमानस के मिथक को तोड़ा ही नहीं बल्कि भारी मतों से शिवपुरी गुना लोकसभा क्षेत्र से इसी क्षेत्र से चार बार सांसद चुने गए ज्योतिरादित्य सिंधिया को हार का सामना करना पड़ा। सिंधिया परिवार के लिए यह हार और भी चुभन बाली इसीलिए रहेगी, क्योंकि उन्हीं की छत्र छाया के तले राजनीति करने वाले अशोक नगर के डॉ. के.पी यादव सिंधिया जी के सामने प्रतिद्वंदी के रूप में भाजपा के बैनर तले चुनाव लड़े और 1 लाख 25 हजार से भी अधिक मतों से पराजित करने में सफल रहे।
इसी बीच खबर यह भी रोचक है कि शिवपुरी की जनता जैसी की तैसी रही। बीते लंबे समय से सिंध की आस देख रही शिवपुरी की जनता के उम्मीद थी कि शिवपुरी सांसद डॉ केपी यादव के आने के बाद इस योजना को गति मिलेगी। परंतु वह भी इस योजना में पूरी तरह से फेलुअर साबित हुए। जिले में हालात यह है कि भ्रष्टाचार सिर चढ कर बोल रहा है। सरेआम पब्लिक के साथ खिलबाड चल रहा है। यहां हालात यह है कि प्रशासन गरीबों पर कहर बरफा रहा है। कोई सुनने बाला बचा नहीं है। क्षेत्र के एक दिग्गज नेता है ज्योतिरादित्य सिंधिया। परंतु अब हारने के बाद पब्लिक उनके पास जाए तो कैसे जाए।
इसी लिए कहा जा सकता हैं कि वर्ष 2019 और शिवुपरी गुना संसदीय क्षेत्र को ज्योतिरादित्य सिंधिया कभी भुला नहीं सकते। वहीं सांसद केपी यादव भी 2019 को भी कभी नहीं भुला पायेंगे क्योंकि यह साल उनकी राजनैतिक जीवन में नया सवेरा लेकर आया था। विधायक के टिकिट के लिए कांग्रेस की कतार में खड़े होने वाले डॉ. केपी यादव का भाग्य 2019 में इतना जबर्दस्त चमका की वह सीधे सांसद चुने गए और अपने ही नेता पूर्व सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया को चुनाव में पराजित कर एक इतिहास रचने में कामयाब हुए।
समस्याओं से जूझते रहे शहर वासी
विकास के नाम पर शहर में वर्षों से जिन परियोजनाओं पर काम चल रहा वह परियोजना 2019 में भी काफी जद्दो जहद के बाद भी पूर्ण नहीं हो सकी। जबकि इन परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए क्षेत्रीय सांसद, प्रभारी मंत्री, स्थानीय विधायक व नगर पालिका अध्यक्ष ने तमाम प्रयास करते रहे इतना ही नहीं उक्त सभी जनप्रतिनिधि जनता को लगातार आश्वासन देते रहे कि वर्ष 2019 में शहर विकास के लिए संचालित सभी योजनायें पूर्ण होकर उसका लाभ जनता को मिलेगा।
शहर की जनता के लिए दो महत्वपूर्ण परियोजना पेयजल के लिए सिंध जलावर्धन योजना और सीवेज प्रोजेक्ट शहर सरदर्द बनी रही। इन परियोजनाओं को पूर्ण करने के लिए शहर के प्रमुख मार्गों से लेकर हर गली मोहल्ले में सड़कों की गई और आज भी खुदाई जारी हैं। सड़कों की खुदाई के कारण लोग एक ओर जहां परेशान होते रहे वहीं परियोजना पूर्ण न होने के कारण पेयजल समस्या से भी शहर वासी जूझते रहे। यह सिंध जलावर्धन योजना आज भी सिरदर्द बनी हुई और इसका लाभ भी जनता को पूरा वर्ष 2019 बीत जाने के बाद भी नहीं मिल सका।
आवास पाने के लिए भटक रहे हैं नागरिक
प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीब तबके लोगों को 20 हजार रूपए जमा कर फरवरी 2019 में आवास उपलब्ध कराना थे। लेकिन नगर पालिका अध्यक्ष व प्रशासनिक अधिकारियों की लापरवाही एवं उपेक्षा पूर्ण रवैये के चलते समुचा 2019 का वर्ष गुजर जाने के बाद भी उपभोक्ताओं को प्रधान मंत्री आवास योजना के अंतर्गत गरीबों को मिलने वाले आवास आज तक दूर की कौड़ी बने हुए हैं। वर्ष 2019 में अपने स्वयं के मकान में पहुंचने का सपना बस सपना ही बनकर रह गया हैं।