शिवपुरी। शिवपुरी का जिला अस्पताल में सुविधाओ से ज्यादा लापरवाही की खबरे अधिक आती है। चिकित्सा क्षेत्र एक ऐसा पेशा है जिसमें जिम्मदारो की लापरवाही किसी की जानलेवा हो जाती है। कल आरटीओ मेडम मधुसिंह का भ्रष्टाचार 6 लोगो की मौत का जान कारण बना हैं तो अस्तपाल में तैनात नर्सो की अपनी ईमानदारी से ड्यूटी न करना एक प्रसूता की जान का कारण बना हैं।
जानकारी के अनुसार शकुंतला उम्र 21 साल पत्नी शंकर अहिरवार निवासी झांसी का नरवर में मायका है। तीन महीने से यहीं रह रही थी। रविवार को परिजनों ने नरवर अस्पताल में भर्ती कराया। पेट में बच्चा उल्टा होने की वजह से जिला अस्पताल शिवपुरी रैफर कर दिया।
यहां दोपहर करीब 1 बजे आए। ड्यूटी डॉक्टर ने ऑपरेशन की बात कही। हालांकि परिजन राजी नहीं हुए। बाद में डॉक्टर के कहने पर सीजर के लिए राजी हो गए और नवजात बालिका पैदा हुई। दिन में सबकुछ ठीक ठाक रहा।
मृतिका के पति शंकर अहिरवार और सास मुन्नी अहिरवार का आरोप है कि रात के समय शकुंतला की हालत बिगड़ने लगी। ड्यूटी नर्सों के पास जाकर कई बार कहा लेकिन उन्होंने ध्यान देने की जगह गलत बर्ताव किया।
तड़के हालत पहले से ज्यादा खराब हुई तो आसपास पलंगों पर जच्चाओं के साथ मौजूद अटेंडेंटों ने जाकर नर्स व डॉक्टर को बताया। जच्चा को अंदर ले गए और फिर सुबह 9 बजे मृत घोषित कर दिया। शंकर का कहना है कि पत्नी की मौत हो जाने के बाद मुझसे एक कागज पर हस्ताक्षर भी करा लिए।
नाइट ड्यूटी स्टाफ के खिलाफ कार्रवाई करेंगे
जच्चा की मौत का मामला गंभीर है। इसकी जांच करा रहे हैं। जो भी रात में नाइट ड्यूटी पर था, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेंगे। स्टाफ को हिदायत दे रहे हैं कि जच्चा-बच्चा का ख्याल रखें। अटेंडरों के साथ किसी भी तरह से गलत व्यवहार ना करें।
डॉ पीके खरे, सिविल सर्जन, जिला अस्पताल शिवपुरी