शिवपुरी। जिले के कोलारस क्षेत्र के प्रसिद्ध एड.चिंतामणि जैन परिवार पर उनकी बहू ने ही दहेज प्रताडऩा को लेकर पुलिस थाना ग्वालियर में शिकायत दर्ज कराई है, बहू का आरोप है कि विवाह के बाद से ही उसे ससुरालियों द्वारा प्रताडि़त किया गया जबकि विवाह में करीब 70 लाख रूपये की राशि खर्च कर पीडि़ता बहू के पिता ने विवाह संपन्न कराया था।
इसके बाद भी दहेजलोभी परिजनों का मन नहीं भरा और वह आए दिन बहू को ना-ना प्रकार से प्रताडि़त करते। इस मामले में पुलिस ने परिजनों के विरूद्ध दहेज एक्ट को लेकर मामला पंजीबद्ध कराया। पुलिस ने मामला जांच में ले लिया है।
जानकारी के अनुसार ग्वालियर निवासी उच्च शिक्षा प्राप्त तनु गोयल जिसने मुंबई से एमबीए किया तथा मल्टीनेशनल कंपनी में उच्च वेतन 12 लाख रूपये के पैकेज पर कार्यरत थी की शादी लड़की के पिता एम एल गोयल द्वारा दिसंबर 2018 में कोलारस जिला शिवपुरी निवासी प्रसिद्ध एड.चिंतामन जैन परिवार के यश जैन जिनके पिता संजीव जैन के साथ रंग महल से धूमधाम से शादी की थी तथा 70 लाख का दहेज जिसमें सोना चांदी कपड़े आदि समान शामिल था।
किंतु शादी के अगले दिन से ही हनीमून पर जाने पर लड़के द्वारा और दहेज में राशि की मांग करने लड़के के सपोर्ट में उसके मां.बाप द्वारा दहेज की मांग करने तथा पूर्ति नहीं होने पर लड़की के साथ मारपीट करना एवं हिंसा का शिकार बनाना यश जैन पति तथा उसके माता-पिता संजीव जैन एवं मीना जैन तथा देवर श्रेयांश जैन द्वारा प्रतिदिन प्रताड़ित करना सार्वजनिक रूप से अपमानित करना बीमार होने पर इलाज नहीं कराना और अत्याचार करना बढ़ता गया।
लड़के यश जैन के संबंध अन्य लड़की से होने के कारण लड़के द्वारा जुलाई में बेंगलुरु से लड़की को ला कर ग्वालियर एयरपोर्ट पर छोड़कर भगा देने का अपराध किया। लड़की एवं उसके पिता ने अपने दामाद एवं समधी संजीव जैन श्रीमती मीना जैन से बहुत विनती की की लड़की को ले जाएं किंतु वह लड़की को नहीं ले गएं
सावन के महीने में भी लड़की को नहीं ले गए और टेलीफोन पर लड़के द्वारा बदतमीजी दोष देना निरंतर जारी रहा, मजबूरी में लड़की तनु गोयल द्वारा हो रहे अत्याचार के विरुद्ध 3 अक्टूबर को महिला पुलिस थाना पड़ाव ग्वालियर में लिखित शिकायत दीं
जिस पर 10 अक्टूबर को काउंसलिंग हुई जिसमें पति यश जैन, ससुर संजीव जैन, सास मीना जैन कोलारस से आए किंतु लड़की को नहीं ले गए। पुलिस की समझाइश के बाद भी लड़की के साथ अच्छा व्यवहार नहीं करनी तथा प्रथम दृष्टया अपराध होने के कारण पुलिस द्वारा दिनांक 15 अक्टूबर को संबंधित अपराधियों के विरुद्ध भारतीय दंड विधान की धारा 498 धारा 294 धारा 506 धारा 34 एवं दहेज अधिनियम की धारा 4 के अंतर्गत अपराध क्रमांक 239 दर्ज किया गया।