खनियांधाना। जिले के खनियांधाना अनुविभाग के ग्राम मामौनीकलां में एक परिवार का गांव में बहिष्कार करने का मामला प्रकाश में आया है। उक्त परिवार पर गाय की हत्या का आरोप है। जिसके चलते उक्त युवक को गांव से निकालकर उसका हुक्का पानी बंद कर दिया है। अब पीडित युवक पंचायत के फैसले को लेकर परेशान हो रहा हैं। यह एक युवक के साथ नहीं हुआ अपितु पूरे परिवार का हुक्कापानी बंद किया गया है। इस मामले की सूचना प्रशासन को दी गई तो उन्होंने भी इस मामले में जांच के बाद कार्यवाही की बात कही।
जानकारी के अनुसार करैरा जनपद अंतर्गत ग्राम मामोनीकलां में रहने वाले भरत लोधी बीतेरोज अपने खेत पर काम कर रहा था उसी समय एक गाय भरत के खेत में आ गई और फसल को खराब करने लगी, भरत ने गाय को खेत से भगा दिया और यह गाय भागते समय खेत के समीप बने नाले में जा गिरी जिससे गाय की मौत हो गई।
देखते ही देखते इस घटना की खबर पूरे गांव में फैल गई।ग्रामीणों ने भरत लोधी को गाय की मौत का जिम्मेदार मानते हुए तत्काल पंचायत ने भरत और उसके परिवार का गांव में हुक्का-पानी बंद कर दिया,साथ ही बुलाई गई पंचायत ने यह फरमान भी सुना डाला कि पहले उक्त परिवार गंगा नहाने जाए,इसके बाद पंचायत उक्त मामले में दण्ड निर्धारित करेगी और दण्ड पूरा होने के बाद ही भरत व उसके परिवार का गांव में हुक्का पानी शुरू हो पाएगा। पिछले दिनों भरत का पूरा परिवार इलाहाबाद गंगा स्नान करके लौट आया है और अब पंचायत ने उक्त परिवार को दण्ड सुनाते हुए कहा है कि वह पहले गांव के मंदिरों को दान राशि दे और फिर उसके बाद भागवत कथा कराए, तभी उसको गांव में बापिस लिया जाएगा।
परिवार का ग्रामीणों ने किया बहिष्कार
भरत लोधी व उसका परिवार गौहत्या का दोषी हो जाने की वजह से गांव का कोई भी व्यक्ति उक्त परिवार से बात तक नहीं कर रहा है।रविवार की रात उक्त परिवार बापिस आ गया है और अब इस परिवार को पंचायत ने अपना फैसला सुनाया है।जो फैसला सुनाया गया है उसे पूरा करने के बाद ही इस परिवार के सिर से गौहत्या का दंश मिट सकेगा।
दर दर की ठोकर खा रहा है पीड़ित परिवार
मामोनीकलां निवासी भरत लोधी के भाई मनोज ने बताया कि बीते शुक्रवार की दोपहर उसके भाई के मूंगफली के खेत में एक गाय घुस कर फसल उजाड़ रही थी। जब भरत ने अपनी फसल उजड़ते देखी तो उसने खेत में जाकर गाय को भगाया। गाय खेत से निकली तो वहीं पास में बहने वाले एक नाले में जा गिरी और उसमें गिरने से गाय की मौत हो गई।
भरत द्वारा गाय को भगाने व नाले में गिरने से उसकी मौत की खबर गांव में आग की तरह फैल गई। फिर क्या था, गांव के जो लोग भरत के घर आते-जाते थे, उन लोगों ने बात करना तक बंद कर दिया। साथ ही गांव की पंचायत ने यह फैसला किया उक्त परिवार पहले गंगा नहाने जाए इसके बाद आगे का फैसला सुनाया गया है जिसे वह पूरा करेगा और जब तक पंचायत के फैसले को पूरा नहीं किया गया, तब तक उसके परिवार से न तो कोई बातचीत करेगा और न ही उसके परिवार के साथ गांव का कोई व्यक्ति सामान आदि का लेनदेन करेगा।