शिवपुरी। संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाने के निर्णय का चहुं ओर से स्वागत किया जा रहा है। पार्टी लाइन से भले ही कांग्रेस मोदी सरकार के इस निर्णय का विरोध कर रही हो, लेकिन बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता इस निर्णय से सहमत हैं।
एक वरिष्ठ कांग्रेसी ने अपना नाम न छापने की शर्त पर बताया कि धारा 370 को हटाकर भाजपा ने कांग्रेस का पूरी तरह से सफाया कर दिया है और 10-15 साल तक कांग्रेस इस निर्णय से नहीं उभर पाएगी। वहीं भाजपा नेताओं ने मोदी सरकार के निर्णय को देश की तकदीर बदलने वाला निर्णय बताया है।
धारा 370 हटाने का मोदी सरकार का निर्णय देश हित में : खलील खान
कांग्रेस के पूर्व जिला उपाध्यक्ष खलील खान ने मोदी सरकार के निर्णय को देशहित से प्रेरित बताया है। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि समूचे देश में एक कानून और एक संविधान होना चाहिए और धारा 370 को हटाये जाने से यह मिशन पूरा हो गया है।
श्री खान के अनुसार कांग्रेस को भी देशहित में इस निर्णय का समर्थन करना चाहिए, क्योंकि ऐसा नहीं कांग्रेस ने धारा 370 को नहीं हटाना चाहा हो, पूर्व प्रधानमंत्री स्व. जवाहरलाल नेहरू ने दो बार धारा 370 हटाने का प्रयास किया था, लेकिन उस समय की परिस्थिति ऐसी नहीं थी जिस कारण यह निर्णय लगातार टलता रहा। अब जम्मू काश्मीर भारत का एक अविभाज्य अंग बन गया है।
भाजपा ने जो कहा वह पूरा कर दिखाया : तेजमल सांखला
भाजपा जिला उपाध्यक्ष तेजमल सांखला ने धारा 370 को निष्प्रभावी करने के निर्णय को मोदी सरकार का ऐतिहासिक कदम बताया है। उन्होंने कहा कि इस निर्णय से यह भी साबित हुआ कि भाजपा की कथनी और करनी में कोई अंतर नहीं है।
भाजपा का हमेशा से मिशन धारा 370 और राम मंदिर बनाने का रहा है और पूर्ण बहुमत प्राप्त करने के बाद भाजपा ने इस दिशा में पहल कर एक मिशाल पेश की है। कश्मीर समस्या के कारण ही स्व. श्यामाप्रसाद मुखर्जी को जान गंवानी पड़ी थी और उन्होंने जीवन भर धारा 370 का विरोध किया था आज मोदी सरकार ने धारा 370 समाप्त कर उनके सपने को साकार करने का काम कर दिखाया है। इसकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है।
देशहित के लिए धारा 370 हटाने का निर्णय सराहनीय : श्री अप्पल
लोकल ट्रक ऑपरेटर यूनियन के अध्यक्ष और कांग्रेस नेता अब्दुल रफीक अप्पल ने व्यक्तिगत रूप से इस निर्णय की प्रशंसा करते हुए कहा कि देशहित में धारा 370 हटाना बहुत आवश्यक था, क्योंकि धारा 370 लागू होने से जम्मू काश्मीर में भारतीय कानून और संविधान प्रभावी नहीं होते थे ऐसे में जम्मू काश्मीर को भारत का अविभाज्य अंग कैसे कहा जा सकता था।
धारा 370 का लाभ उठाकर कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां भी उफान पर थीं और वहां विकास अवरूद्ध हो रहा था। अब मोदी सरकार की यह जिम्मेदारी है जिस तरह से उसने धारा 370 हटाकर साहस का परिचय दिया है उसी तरह से वह कश्मीर को विकास की मुख्य धारा से भी जोड़े।
साहसिक निर्णय है कश्मीर का राजनैतिक विभाजन : धैर्यवद्र्धन
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति सदस्य धैर्यवद्र्धन शर्मा ने जम्मू काश्मीर से धारा 370 और 34ए की विदाई को अत्यंत साहसिक और ऐतिहासिक कदम बताया है। उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया में श्री शर्मा ने कहा कि राजनैतिक विभाजन और केंद्रशासित प्रदेश की व्यवस्था से राज्य में और मजबूती से कानून का राज स्थापित होगा। उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2019 का दिन देश के इतिहास में स्वर्णिम दिवस के रूप में याद रखा जाएगा। मोदी सरकार ने जनभावना के अनुरूप कदम उठाया है। देशहित में कदम उठाना आगामी पीढिय़ों का भविष्य सुखमय बनाता है।
एक न एक दिन तो धारा 370 हटनी थी, अच्छा निर्णय : हरवीर सिंह
प्रदेश कांग्रेस महामंत्री हरवीर सिंह रघुवंशी ने अपनी संयमित प्रतिक्रिया में कहा कि धारा 370 को काश्मीर में लागू किया जाना एक अस्थायी प्रक्रिया थी। जो उस समय की परिस्थिति को देखते हुए आवश्यक थी। इसे कभी न कभी तो हटना था और मोदी सरकार ने इसे हटाकर एक अच्छा निर्णय लिया है।