एक्सरे @ ललित मुदगल | शिवपुरी। जिले के कोलारस तहसील के श्रीबेयर हाउस के चने के घोटाले की गूंज जिले के बाहर जिलो में भी पहुंच गई हैं, कल इस घोटाले की जांच करने अधिकारी पहुंचे। अधिकारी भी वह थे जो इस घोटाले के रचियता हैं। सीधे—सीधे शब्दों में कहे तो गले ही हडडी बने इस घोटाले को समेटने का प्रयास किया जा रहा हैं, जांच तो 1 माह पूर्व ही शुरू हो चुकी हैं, लेकिन कलेक्टर शिवपुरी को एक सोसायटी प्रबंधक ने जो पत्र लिखा है उससे एक नए घोटाले की आशंकाओं ने जन्म दे दिया है। आईए इस पूरे मामले का एक्सरे करते हैं।
विगत माह संपन्न हुई समर्थन मूल्य पर चना सरसों और मसूर की खरीद में घोटालों के चलते किसानों का करोड़ों रुपए का भुगतान शिवपुरी जिले में अटक गया है। नेफेड की टीम द्वारा हजारों क्विंटल चना अमानक करार दिए जाने के बाद जिले में अधिकारियों एवं सोसायटिओं में अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया था।
इसके अतिरिक्त कोलारस स्थित श्रीजी वेयरहाउस का मुद्दा सबसे विवादित रहा जहां अमानक चने की 600 कट्टे तौल करते हुए पकड़े जाने के बाद एफ आई आर दर्ज कराई गई थी। एवं गोदाम को सील कर दिया गया था। अधिकारियों द्वारा आज पुनः कलेक्टर के आदेश पर श्रीजी वेयरहाउस को खुलवाया गया।
उसके अंदर रखे चने की बोरियों की गिनती की गई, और चने के सैंपल भरे गए।जांच दल में डीआर, जिला महाप्रबंधक वाई के सिंह, पूर्व डीएम पीयूष माली,सहकारिता सी ई ओ,हर्ष वर्धन,वेयरहाउस प्रबंधक,कमल किशोर बांदिल, सहित सोसयटी प्रबंधक लक्ष्मण रावत,वेयरहाउस मालिक रोहित बिंदल सही अनेक अधिकरी कर्मचारी मौजूद थे। खास बात यह रही कि आज वे अधिकारी भी जांच दल में शामिल थे जो अपना तबादला करा कर बहुत दूर जा चुके हैं।
इस जांच से पूर्व कलेक्टर पी अनुग्रह को बैहटा सोसायटी के प्रबंधक लक्ष्मण रावत ने इसी श्रीबेयर हाउस को लेकर एक आवेदन सौपा हैं। इस पत्र का सीधा—सीधा उदृदेश्य लिखने का प्रयास करते है। लक्ष्मण रावत ने कलेक्टर को लिखा हैं कि इस बेयर हाउस को नियमानुसार सील नही किया गया हैं।
इस गोदाम को सील करते समय एक ही ताले हो सील किया गया हैं,सील करने के 1 माह उपरांत जिला जांच दल ने आवेदक की अनुपस्थिती में बिना सूचना दिए इस गोदाम के ताले तोडकर गोदाम को खोला गया। जांच समिति ने मनमाने तरिके से माल का शोर्टज व अमानक बताया गया हैं।
कुल मिलाकर स्पष्ट है कि अगर गोदाम में माल शोर्ट होता हैं तो इसमे सोसायटी प्रबंधक का कोई दोष नही होगा। इस पत्र के बाद कलेक्टर शिवपुरी पी अनुग्रह जिले से बहार ट्रांसफर हुए अधिकारियो को तत्काल बुलाया और मिटिंग ली और ठसाई भी की हैं इसके बाद ही जांच टीम कोलारस के श्रीजी बेयर हाउस पहुंची हैं।
इस मामले में अपने का राम कहना हैं कि कुछ भी हो श्रीबेयर हाउस मे दाल में काला अवश्य हैं पहले तो जांच अमानक चने की होनी थी,लेकिन कलेक्टर शिवपुरी को सोसयटी प्रबंधक के पत्र के अनुसार बात करे तो इस माल गायब होने की दिशा में दोषी नही हैं,वह एक पत्र लिखकर दोषी होेने से बचना चाहते हैं।
दोषी कौन हैं यह तो जांच में सिद्ध् हो जाऐगा,लेकिन एक सवाल यह खडा होता हैं कि जांच होने से पूर्व जांच टीम और सोसायटी प्रबंधक को कैसे पता कि गोदाम में माल शोर्ट हैं,अपने राम का तो यही कहना हैं कि जो माल शोर्ट है वह अमानक था और गायब करा दिया गया,लेकिन गोदाम के सील होेने के बाद रख नही पाए ओर यह मामला जांच दल ओर सोसायटी प्रबंधक के सज्ञान में भी था।
विगत माह संपन्न हुई समर्थन मूल्य पर चना सरसों और मसूर की खरीद में घोटालों के चलते किसानों का करोड़ों रुपए का भुगतान शिवपुरी जिले में अटक गया है। नेफेड की टीम द्वारा हजारों क्विंटल चना अमानक करार दिए जाने के बाद जिले में अधिकारियों एवं सोसायटिओं में अफरा-तफरी का माहौल निर्मित हो गया था।
इसके अतिरिक्त कोलारस स्थित श्रीजी वेयरहाउस का मुद्दा सबसे विवादित रहा जहां अमानक चने की 600 कट्टे तौल करते हुए पकड़े जाने के बाद एफ आई आर दर्ज कराई गई थी। एवं गोदाम को सील कर दिया गया था। अधिकारियों द्वारा आज पुनः कलेक्टर के आदेश पर श्रीजी वेयरहाउस को खुलवाया गया।
उसके अंदर रखे चने की बोरियों की गिनती की गई, और चने के सैंपल भरे गए।जांच दल में डीआर, जिला महाप्रबंधक वाई के सिंह, पूर्व डीएम पीयूष माली,सहकारिता सी ई ओ,हर्ष वर्धन,वेयरहाउस प्रबंधक,कमल किशोर बांदिल, सहित सोसयटी प्रबंधक लक्ष्मण रावत,वेयरहाउस मालिक रोहित बिंदल सही अनेक अधिकरी कर्मचारी मौजूद थे। खास बात यह रही कि आज वे अधिकारी भी जांच दल में शामिल थे जो अपना तबादला करा कर बहुत दूर जा चुके हैं।
इस जांच से पूर्व कलेक्टर पी अनुग्रह को बैहटा सोसायटी के प्रबंधक लक्ष्मण रावत ने इसी श्रीबेयर हाउस को लेकर एक आवेदन सौपा हैं। इस पत्र का सीधा—सीधा उदृदेश्य लिखने का प्रयास करते है। लक्ष्मण रावत ने कलेक्टर को लिखा हैं कि इस बेयर हाउस को नियमानुसार सील नही किया गया हैं।
इस गोदाम को सील करते समय एक ही ताले हो सील किया गया हैं,सील करने के 1 माह उपरांत जिला जांच दल ने आवेदक की अनुपस्थिती में बिना सूचना दिए इस गोदाम के ताले तोडकर गोदाम को खोला गया। जांच समिति ने मनमाने तरिके से माल का शोर्टज व अमानक बताया गया हैं।
क्या संबंध हैं,श्रीबेयर हाउस और बैहटा सोसायटी का
बैहदा सोसायटी के द्धारा जो भी माल खरीदा गया हैं वह पूरा माल श्रीजी बेयर हाउस में रखा हैंं। यह माल अमानक होता हैं या शोर्ट होता तो कही-कही बैहटा सोसायटी की भी जिम्मेदारी बनती हैं।किन्ही आशांकाओ को देखते हुए बैहटा सोसायटी के प्रबंधक ने इसे मामले को लेकर कलेक्टर शिवपुरी का पत्र लिखा हैं।पत्र के प्रताप से बहार आया एक और घोटाला
बैहटा सोसायटी के प्रबंधक लक्ष्मण रावत ने कलेक्टर शिवपुरी को एक पत्र 31-7-2019 को लिखा इस पत्र में सीधे—सीधे साफ शब्दो में लिखा गया हैं कि गोदाम सील नियमानुसार नही किया हैं,सील करने के बाद 1 माह बाद पुन गोदाम को खोला गया,ताला तोडकर गोदाम खोला गया। गोदाम खोलने की सूचना मुझे नही दी गई। जांच दल ने मन—माने तरिके से जांच की है और गोदाम मे माल शोर्ट होेने की संभावना जताई है।कुल मिलाकर स्पष्ट है कि अगर गोदाम में माल शोर्ट होता हैं तो इसमे सोसायटी प्रबंधक का कोई दोष नही होगा। इस पत्र के बाद कलेक्टर शिवपुरी पी अनुग्रह जिले से बहार ट्रांसफर हुए अधिकारियो को तत्काल बुलाया और मिटिंग ली और ठसाई भी की हैं इसके बाद ही जांच टीम कोलारस के श्रीजी बेयर हाउस पहुंची हैं।
माल गायब है श्रीजीबेयर हाउस से
श्रीजी वेयरहाउस पर बेहटा सोसाइटी द्वारा 8834 क्विंटल चना 869 क्विंटल सरसों एवं 2016 क्विंटल मसूर खरीदा गया था जिसकी जांच दल द्वारा गुरुवार को गिनती की गई। बताया जा रहा हैं कि उक्त गोदाम में 320 क्विंटल चना, 177 क्विंटल सरसों एवं 120 क्विंटल मसूर की शॉर्टेज बताई जा रही हैं।इस मामले में अपने का राम कहना हैं कि कुछ भी हो श्रीबेयर हाउस मे दाल में काला अवश्य हैं पहले तो जांच अमानक चने की होनी थी,लेकिन कलेक्टर शिवपुरी को सोसयटी प्रबंधक के पत्र के अनुसार बात करे तो इस माल गायब होने की दिशा में दोषी नही हैं,वह एक पत्र लिखकर दोषी होेने से बचना चाहते हैं।
दोषी कौन हैं यह तो जांच में सिद्ध् हो जाऐगा,लेकिन एक सवाल यह खडा होता हैं कि जांच होने से पूर्व जांच टीम और सोसायटी प्रबंधक को कैसे पता कि गोदाम में माल शोर्ट हैं,अपने राम का तो यही कहना हैं कि जो माल शोर्ट है वह अमानक था और गायब करा दिया गया,लेकिन गोदाम के सील होेने के बाद रख नही पाए ओर यह मामला जांच दल ओर सोसायटी प्रबंधक के सज्ञान में भी था।