2 दिन की जन्माष्टमी: कई मंदिर में आज तो कई में कल प्रकट होंगे नंदलाल

Bhopal Samachar
शिवपुरी। श्रीकृष्ण जन्माष्टमी इस बार अष्टमी तिथि में हुए मतभेद के कारण दो दिन मनाई जा रही है। आज शुक्रवार को मध्यरात्रि में अष्टमी मनाई जाएगी जबकि श्रीकृष्ण का जन्म रोहिणी नक्षत्र में हुआ था जो कल शनिवार को पड़ेगा जिस कारण जन्माष्टमी कल भी मनाई जाएगी।

ज्योतिषाचार्यों के अनुसार कृष्ण प्रकटोत्सव अष्टमी व्यापिनी तिथि 23 अगस्त को मनाना श्रेष्ठ है वहीं कुछ की राय मे जन्माष्टमी उदया तिथि अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र में 24 अगस्त को होगी। हालांकि आज जिन स्थानों पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी मनाई जा रही है। उन स्थानों पर उत्सवों का आयोजन भी किया गया है। कई मंदिरों पर रात्रि में जन्मोत्सव मनाया जाएगा तो कईयों पर कल शनिवार को यह महाउत्सव मनाया जाएगा।

दोनों दिनों में मनाई जाने वाली जन्माष्टमी को लेकर ये हैं शुभ मुहुर्त

दो दिन मनाई जाने वाली जन्माष्टमी को इन शुभ मुहुर्तों में मनाया जाएगा। आज का मुहुर्त 23 अगस्त को प्रात: 8 बजकर 9 मिनट से कल 24 अगस्त तक 8 बजकर 32 मिनट तक रहेगा। जबकि शनिवार को रोहिणी नक्षत्र प्रात: 3 बजकर 48 मिनट से 25 अगस्त को प्रात: 4 बजकर 17 मिनट तक होगा।

श्रीकृष्ण का जन्म रात्रि में हुआ था जिसे 12 बजे मनाया जाता है। यह जन्म भाद्र पक्ष की अष्टमी को रोहिणी नक्षत्र में हुआ था। इस बार अष्टमी और रोहिणी नक्षत्र का योग अलग अलग तिथि में है। जिस कारण श्रीकृष्ण जन्म में रात्रि व्यापिनी अष्टमी का ही विशेष महत्व है।

सप्तमी युक्त अष्टमी श्रेष्ठ नहीं

अष्टमी तिथि 23 अगस्त को सुबह 8 बजकर 9 मिनट से 24 अगस्त को सुुबह 8 बजकर 32 मिनट तक रहेगी। सप्तमी युक्त अष्टमी होने के कारण व्रत श्रेष्ठ नहीं होता। इसलिए 24 अगस्त को सूर्योदय के समय अष्टमी तिथि होने से पूरे दिन तिथि मानी जाएगी। उसी दिन रोहिणी नक्षत्र भी है। अत: 24 को जन्माष्टमी मनाना सर्वथा उचित है और कई ज्योतिषाचार्यों का भी यही मत है।